हिमाचल से राज्यपाल की विदाई: जाते समय भावुक हुए आचार्य देवव्रत

हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत अब गुजरात के राज्यपाल होंगे. आचार्य देवव्रत को शिमला स्थित राजभवन से गुरुवार 3 बजे विदा हो गए हैं. सीएम जयराम ठाकुर सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी यहां मौजूद रहे. सभी ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को पुष्प भेंट कर विदाई दी. उनकी जगह अब कलराज मिश्र हिमाचल के राज्यपाल होंगे.

यहां पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने विदा लेते वक्त मीडिया से बात करते हुए सरकार और विपक्ष के अलावा तमाम लोगों का उनके अभियानों में सहयोग देने के लिए आभार जताया. युवाओं से अपील करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील की. नशे के खिलाफ अभियान चलाने पर राज्यपाल ने सीएम जयराम ठाकुर की भी तारीफ की.
जब जाते-जाते मीडिया ने उनसे पूछा कि वह राज्य को लेकर क्या कहना चाहते हैं तो भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि अब मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं.

सीएम जयराम ठाकुर ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत के कार्यकाल को सफल करार देते हुए कहा कि आचार्य देवव्रत ने जनता से सीधा संवाद रखा. चाहे प्राकृतिक कृषि की बात हो या फिर नशे के खिलाफ मुहिम. वे पहले ऐसे राज्यपाल हैं जिनका अन्यों की तुलना में जनसंपर्क बेहतर रहा.
आचार्य देवव्रत ने 12 अगस्त 2015 को हिमाचल के राज्यपाल का कार्यभार संभाला था. आचार्य देवव्रत ने राजभवन में बिट्रिश काल से निभाई जा रही रस्मों पर रोक लगाई और राजभवन में हवन यज्ञ करवाने की नई रिवायत शुरू की.

प्रदेश में शून्य लागत प्राकृतिक खेती को शुरू करवाने का श्रेय राज्यपाल आचार्य देवव्रत को जाता है, राज्यपाल के प्रयासों से प्रदेश में करीब पौने तीन हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे है राज्यपाल ने साल ते अंत तक 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था. प्रदेश में अपनाया जा रहा शून्य लागत प्राकृतिक खेती के मॉडल का केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में सराहना की और इसे पूरे देश में लागू करने की घोषणा की.

प्रदेश में सफाई को लेकर भी राज्यपाल ने अभियान छेड़ा, कई कार्यक्रमों में आचार्य देवव्रत सफाई अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे और शिमला-कालका रेल ट्रैक की भी सफाई करवाई. वह समय-समय पर सूबे में सफाई अभियान चलाते रहे.

हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी (HPU) में छात्रों को हॉस्टल की बेहतर सुविधा को लेकर भी राज्यपाल आचार्य देवव्रत चर्चाओं में रहे. हॉस्टल की हालत सुधारने के लिए राज्यपाल ने व्यक्तिगत तौर पर कई-कड़े कदम उठाए और जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार भी लगाई. खुद यूनिवर्सिटी का दौरा कर हॉस्टल की हालत में देखी और सुधार के निर्देश दिए थे.

प्रदेश में बिजली बचाओं अभियान को छेड़ा और लोगों को बिजली बचाने के लिए जागरूक किया. साथ ही राजभवन में बिजली बचाने के लिए भी राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कदम उठाए, जिससे सालाना लाखों रूपये के बिजली बिल में कमी आई.

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