कमलनाथ सरकार का सपना मनी-मनी, MP में मेडिकल टूरिज्म का प्लान
कमलनाथ सरकार प्रदेश का खाली खज़ाना भरने के लिए सभी सरकारी विभागों को अपना रिवेन्यू जनरेट करने का प्लान लेकर आ रही है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस प्लान पर काम भी शुरू कर दिया है. वो प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बेहतर सुविधाएं शुरू कर मेडिकल टूरिज्म पर विचार कर रही है.
मेडिकल कॉलेजों पर फोकस
मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेज आने वाले दिनों में मेडिकल टूरिज्म के प्रमुख केंद्र बनने वाले हैं. कमलनाथ सरकार राज्य के मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों का कायाकल्प करने जा रही है. मेडिकल कॉलेज में शिक्षा व्यवस्था में आंशिक बदलाव के साथ ही इन अस्पतालों का इन्फ्रास्ट्रक्चर देश के बड़े अस्पतालों की तरह होगा. इसके ज़रिए नेता, अधिकारी और गणमान्य नागरिकों सहित हाई इनकम सैक्टर के लोगों को इलाज के लिए आकर्षित करने की तैयारी है. इन अस्पतालों में हाईफाई प्राइवेट अस्पतालों की तरह सुविधाएं देने का प्लान है.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में अलग-अलग श्रेणी के प्राइवेट वार्ड और रुम तैयार किए जाएंगे. बेहतर इलाज के लिए आधुनिक उपकरण और मशीनों तथा कुशल स्टाफ भी होगा.प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेज और इनके अस्पतालों का प्रस्ताव तैयार कर लिया है.
कुछ ऐसा होगा मेडिकल टूरिज्म
-कायाकल्प योजना से बनेंगे सुपर स्पेशलिटी वार्ड और रूम
-इन्फ्रास्ट्रक्चर सुपीरियर होगा मेडिकल वार्ड
-देश के बड़े अस्पतालों की तर्ज पर होगा तैयार
-आधुनिक उपकरण और मशीनों से लैस होगा विभाग
-हर स्तर के कुशल स्टाफ होंगे तैनात
-हर इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम होगी मौजूद
-24X7 मरीज़ो की सुविधाओं का रखा जाएगा ख्याल
-साफ-सफाई और हाईजीन पर होगा केन्द्रों का खास ध्यान
-आयुर्वेद और पंचकर्म से मिल सकेगा इलाज
-दुसरे राज्यों से सुधार के लिए मांगे जा रहे सुझाव
प्रदेश में इस समय 13 मेडिकल कॉलेज हैं और सब में एक साथ इसकी शुरुआत की जाएगी. राज्य सरकार की रणनीति के मुताबिक अगले 2 साल में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मेडिकल सुविधाओं से लैस होंगे .सरकार की कोशिश है कि सरकारी अस्पतालों में भी लोगों को बड़े अस्पतालों जैसी सुविधाएं मिलें ताकि इन अस्पतालों पर जनता का भरोसा बढ़ सके.
ऐसे आएगा पैसा
कायाकल्प अभियान पर होने वाले एक्सपेंडिचर में कुछ हिस्सेदारी राज्य सरकार की होगी जबकि कुछ पैसा कॉलेज को खुद जुटाना होंगे.इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की फीस बढ़ाने का भी प्रस्ताव है.हाल ही में चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मेडिकल कॉलेजों को कम से कम 10% आए अपने स्वयं के स्रोतों से अर्जित करने को कहा था. विधानसभा चुनाव के पहले जनता को प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में बाईपास, एंजियोप्लास्टी और डायबिटीज को लेकर अलग से विशेष केंद्र बनाने और फ्री इलाज का का कांग्रेस ने वादा किया था.