बीएमएचआरसी को पीजी इंस्टीट्यूट के रूप में किया जाएगा विकसित : सीएम

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों से दो टूक कहा कि केवल आंकड़ों से काम नहीं चलेगा, मुझे रिजल्ट चाहिए। बैठक के दौरान अफसरों ने सीएम को प्रदेश के मेडिकल काॅलेज में भविष्य की योजनाएं गिनाना शुरू कर दिया तो उन्होंने कहा कि मुझे आम जनता को 'राइट टू हेल्थ' का अधिकार उपलब्ध कराना है और यह प्रदेश के मेडिकल काॅलेज बेहतर होने से होगा। 
मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ और लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट को बुलाया था। सिलावट बैठक में कुछ देर रूके और रवाना हो गए। सीएम का कहना था कि मैं यह नहीं सुनना चाहता कि यह मामला चिकित्सा शिक्षा या स्वास्थ्य सेवाओं का है। मुझे मेडिकल काॅलेज और जिलों के अस्पतालों के बीच तालमेल चाहिए। साथ ही सीएम ने कहा कि बीएमएचआरसी को पीजी इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका प्रस्ताव जल्द ही केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इसके अलावा यह भी अनुरोध किया जाएगा कि इसे राज्य सरकार द्वारा संचालित करने की अनुमति दी जाए। 
विभाग के अफसरों ने बताया कि फिलहाल चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालयों में सीटें बढ़ रही हैं। इसका फायदा आम जनता को मिलेगा। प्रदेश के मेडिकल काॅलेज में 2018-2019 में 7200 बेड्स की सुविधा है। इसे बढ़ाकर 2019-2020 में 11,860 कर दिया जाएगा। 2020-2021 में यह 13560 और 2021-2022 में 16810 हो जाएगी। इसके साथ ही ग्वालियर, रीवा, छिंदवाड़ा, जबलपुर और इंदौर में सुपर स्पेशिलिटी स्वास्थ्य सेवाएं अगले साल तक शुरू हो जाएंगी।

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