केंद्र सरकार का बड़ा कदम, राज्‍यों के लिए लगाई यह सीमा, बढ़ सकती हैं बिजली की दरें

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों की कर्ज लेने के लिए समय की सीमा निश्चित कर दी है। इससे सभी राज्यों का वित्तीय कामकाज हिल गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि कुल घरेलू सकल उत्पाद के हिसाब से बनने वाले तीन फीसद कर्ज को वह 12 हिस्सों में बांटें और हर महीने उसी हिसाब से कर्ज लें। इससे पहले तिमाही कर्ज लेने की मंजूरी दी जाती थी।
इसी हिसाब से राज्य सरकारें अपने अपने खर्चे तय कर लेती थीं। अब नए नियम लागू किए जाने से राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले खर्चों में सबसे बड़ी कटौती पावरकॉम को दी जाने वाली सब्सिडी में की गई है। पावरकॉम का 5200 करोड़ रुपये बकाया खड़ा हो गया है। इसका नुकसान भी उपभोक्ताओं को सहन करना पड़ेगा और राज्‍य में बिजली महंगी हो सकती है।
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने जागरण को बताया कि नए नियमों के कारण कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है। यह केवल पंजाब के साथ नहीं हो रहा, बल्कि देश के अन्य राज्यों के साथ भी हो रहा है। सभी इस नए नियम से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि 21 जून को उनकी केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मीटिंग है, जिसमें वह यह मुद्दा उठाएंगे। 

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