17 वीं लोकसभा की छह बातें, जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है

नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 बनने के बाद 17 वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू होगा. 26 जुलाई तक चलने वाले इस सत्र में पांच जुलाई को बजट पेश होगा. शुरुआती दो दिन तक प्रोटेम स्पीकर की ओर से सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी. 19 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा. फिर संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा. 17 वीं लोकसभा की कई चीजें अहम हैं. दागी सांसदों की संख्या बढ़ने जैसी निगेटिव बात भी है. कुछ निगेटिव कुछ चीजें पहली बार नजर आएंगी. जानिए 17 वीं लोकसभा की कुल छह अहम बातें-
नहीं दिखेंगे दिग्गज नेता
17 वीं लोकसभा में कई दिग्गज नेता नहीं दिखेंगे. इसमें वे नेता भी शुमार हैं, जिनकी आवाज पिछले तीन दशक से भी अधिक समय तक संसद में गूंजती रही. बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार लोकसभा में नहीं दिखेंगे. ये सभी नेता या तो चुनाव मैदान में नहीं उतरे या फिर चुनाव हार गए.
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आजादी के बाद सबसे ज्यादा महिलाएं
इस बार कुल 78 महिलाएं सांसद बनीं हैं. आजादी के बाद से यह आंकड़ा सर्वाधिक है. कुल सदन संख्या का 14.8 प्रतिशत महिलाएं होंगी. 2014 में महिला सांसदों की संख्या 62 थी. इस लोकसभा चुनाव में कुल 719 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी थीं. जिसमें 78 चुनाव जीतने में सफल रहीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में 267 सांसद पहली बार चुनाव जीते हैं.
युवा संसद
2014 वीं लोकसभा, देश के संसदीय इतिहास में सबसे बूढ़े सांसदों वाली लोकसभा में से एक रही. तब 543 सांसदों में 253 की औसत उम्र 55 साल से अधिक थी. इस बार सांसदों की औसत उम्र 54 साल है. इस प्रकार देखें तो 2014 की तुलना में यह 'युवा संसद' है. ओडिशा की चंद्राणी मुर्मू सबसे युवा सांसद हैं. 25 साल 11 महीने की उम्र में वह सांसद बनीं.
कांग्रेस ने नहीं खोला पत्ता
17 वीं लोकसभा में कांग्रेस का नेता कौन होगा, इसको लेकर कांग्रेस ने अभी तक स्थिति साफ नहीं की है. उधर बीजेपी ने भी अभी लोकसभा स्पीकर को लेकर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार को ही स्पीकर बनाया जा सकता है.
दागी सांसदों की संख्या बढ़ी
17 वीं लोकसभा में 88 प्रतिशत करोड़पति सांसद हैं.  542 में से 475 करोड़पति सांसद सदन में पहुंचे हैं. इसमें बीजेपी के पास सर्वाधिक 265 करोड़पति हैं. वहीं कांग्रेस के 43 सांसद करोड़पति हैं. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना के 18 और जदयू के 15 सांसद करोड़पति हैं. जबकि डीएमके के 22,तृणमूल के 20 और जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआईर के 19 सांसद करोड़पति हैं. 2014 की तुलना में इस बार दागी सांसदों की संख्या बढ़ी है. इसी तरह कुल 233 दागी नेता भी सांसद बने हैं. 2014 में 34 प्रतिशत सांसदों पर केस थे. सबसे ज्यादा बीजेपी के 116 सांसदों पर केस हैं, वहीं 29 दागियों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर है.
महत्वपूर्ण बिल
16 वीं लोकसभा में पारित होने के अभाव में 46 बिल लैप्स हो गए थे. इस बार 17 वीं लोकसभा में कई महत्वपूर्ण बिल पर सभीकी निगाहें रहेंगी. इनमें तीन तलाक, मोटर व्हीकल बिल, आधार नंबर के पहचान पत्र के रूप में प्रयोग से जुड़ा बिल, चिकित्सा शिक्षा में पारदर्शिता से जुड़े मेडिकल काउंसिल बिल अहम हैं.