एक भी विधायक ना हो इधर-उधर, कमलनाथ ने निकाला नायाब 'फॉर्म्युला'

लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद बीजेपी के हमलावर होने पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए एक नायाब फॉर्म्युला निकाला है। इसके तहत एक-एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है कि वह पांच-पांच विधायकों को संभाले और उसकी शिकायतों और समस्याओं पर गौर करे, ताकि विधायकों में किसी तरह का असंतोष ना पनपे।
सूत्रों के अनुसार, कमलनाथ ने रविवार रात विधायकों की बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने सभी विधायकों से एकजुट रहने के साथ ही उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए तय समय-सीमा में कार्रवाई करने का मंत्रियों को निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के एक-एक मंत्री को पांच-पांच विधायकों की समस्याओं और उनके द्वारा उठाए जाने वाले मसलों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए। जबकि निर्दलीय और एसपी, बीएसपी विधायकों से मुख्यमंत्री सीधे संपर्क में रहेंगे। इसका लाभ यह होगा कि विधायकों में असंतोष नहीं पनपेगा और अगर सरकार पर किसी तरह का संकट आता है तो मंत्रियों के जरिए मुख्यमंत्री तक सारी जानकारी पहुंच जाएगी और विधायक को संतुष्ट करना और संभालना आसान होगा।

राज्य सरकार के मंत्री सुखदेव पांसे ने सीधे तौर पर पांच विधायकों की जिम्मेदारी एक मंत्री को दिए जाने की बात तो नहीं स्वीकारी, लेकिन उन्होंने कहा, ‘विधायकों द्वारा उठाए गए विषयों का त्वरित गति से निपटारा किया जाएगा।’ इसी तरह गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा है, 'हर क्षेत्र का विधायक भी अपने क्षेत्र के मंत्री और मुख्यमंत्री की तरह है। इसलिए उसके क्षेत्र में उसके मुताबिक विकास के कार्य समय पर होने चाहिए।’

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