अलवर गैंगरेप मामला: पीड़ित दंपति की सरकार से गुहार, कहा-ऐसी जगह भेज दो, जहां कोई नहीं पहचाने

अलवर जिले के थानागाजी गैंगरेप पीड़ित का परिवार लगातार हो रही बदनामी से परेशान हो चला है और अब यहां से विस्थापन होना चाहता है. पीड़ित परिवार के लोगो ने सरकार से अपील की है कि पीड़ित दंपति को सरकारी नौकरी दें और उनको यहां से ऐसी जगह विस्थापित करवाया जाए जहां उनको कोई नहीं पहचान सके, जिससे वे अपना जीवन को शांति से जी सकें.

पीड़ित परिवार ने थानागाजी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पीड़िता के पति को रात पर जबरन थाने में बैठाए रखा और आरोपियों की गिरफ्तारी के कोई प्रयास नहीं किए. यही नहीं पुलिस आरोपियों के ठिकाने पर बैठ कर पीड़ित पक्ष को भी वहीं बुलाती थी. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई थी इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई.

वहीं दूसरी ओर पीड़िता ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. गैंगरेप की घटना के बाद दरिंदों के हौसले इस कदर बढ़ गए थे कि आरोपियों ने 28 अप्रैल को पीड़िता के पति को फोन कर उसकी पत्नी को दोबारा उनके पास लाने के लिए दबाव बनाया था, इसके साथ ही 10 हजार रुपए की मांग भी की थी और रकम न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी थी.

वहीं पीड़िता की सास ने कहा की उन्हें तब शांति मिलेगी जब आरोपियों को फांसी मिलेगी, तब ही उन्हें असली न्याय मिल पाएगा. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय लाल मीणा का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में थाना अधिकारी के द्वारा जो लापरवाही बरती गई है वह बर्दाश्त करने योग्य नहीं है और मामले की उच्चस्तरीय जांच चल रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
 

More videos

See All