महानदी में अवैध खुदाई, हाईकोर्ट ने कहा- पूरी तरह रोक लगाए राज्य सरकार

हाईकोर्ट ने ग्रामीण की चिट्ठी पर जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई करते हुए संबंधित क्षेत्र में महानदी के तट पर अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के निर्देश राज्य शासन और हर स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों को दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट में कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।अब इस मामले पर 28 जून को अगली सुनवाई होगी। महासमुंद जिले में महानदी के किनारे बसे कई गांवों में फर्शी पत्थर की खुदाई के लिए खदानों का पट्टा जारी किया जाता है, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए बड़े पैमाने पर अवैध खुदाई की जाती है।
अवैध खुदाई और खराब हिस्से को महानदी में डाल दिया जाता है। इससे नदी का अस्तित्व खतरे में है। यहां किछौली गांव के पास भी बड़े पैमाने पर अवैध खुदाई की जाती है। लोगों ने माइनिंग डिपार्टमेंट से इसकी शिकायत की, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर ग्रामीण शंकरलाल वर्मा ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर वस्तु स्थिति की जानकारी दी थी। हाईकोर्ट ने पत्र पर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू करते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही महासमुंद के कलेक्टर को अवैध खुदाई पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे।
चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया कि यहां उत्खनन के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। राज्य सरकार अवैध खुदाई पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन सहित सभी स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों को संबंधित क्षेत्र में अवैध उत्खनन पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट में कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। अब इस मामले पर 28 जून को अगली सुनवाई होगी।

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