ग्राउंड रिपोर्ट सोनीपत: जाटलैंड में दोबारा कमल खिलने से रोकने में जुटे हुड्डा

रोहतक से चार बार सांसद रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा पांचवीं जीत के लिए चुनावी रण में हैं। 2005 में सांसद रहते ही उन्होंने हरियाणा के सीएम की कुर्सी पाई। उसके बाद रोहतक सीट पर बेटे दीपेंद्र को लॉन्च कर दिया और खुद राज्य की राजनीति में उतर आए। 
कांग्रेस ने हुड्डा को उतारा तो टिकट रोहतक के बजाय जाटलैंड सोनीपत से दिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से चालीस किमी दूर स्थित सोनीपत को आर्य नगरी भी कहा जाता है। यहां चुनावी जंग हुड्डा बनाम मौजूदा सांसद रमेश कौशिक नहीं, बल्कि हुड्डा बनाम मोदी हो चुकी है। कांग्रेस के पूर्व सीएम को 5वीं बार संसद में पहुंचने से रोकने के लिए भाजपा ने सीधे मोदी कार्ड चला है। हरियाणा की सबसे हॉट सीट सोनीपत में ताऊ देवी लाल की चौथी पीढ़ी के दिग्विजय चौटाला मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हुए हैं।
कौशिक के मना करने के बावजूद भाजपा ने उन्हीं पर दांव खेला। दरअसल, कौशिक को संसदीय क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ रहा था, जिससे भाजपा ने पूरे चुनाव को हुड्डा बनाम मोदी कर दिया। पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर ही माहौल बनाया जा रहा है। जाटलैंड में हुड्डा मजबूत हैं। सोनीपत और जींद दोनों जिलों में अच्छी पैठ है। इसके चलते भाजपा यह भी प्रचारित कर रही है कि लोकसभा चुनाव के ठीक बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उतर पड़ेंगे। ऐसे में सोनीपत में दोबारा चुनाव कराना पड़ेगा। इसलिए सोच-समझकर सांसद चुनें। वहीं, हुड्डा चंडीगढ़ का रास्ता दिल्ली के जरिए तय होने का नारा दे चुके हैं। 

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