संसद से 10 किमी. दूर बिना बिजली के 1800 वोटर, इस बार नहीं देंगे वोट

19 साल से बिजली कटने का दंश झेल रहे दिल्ली कैंट 'बरार स्क्वॉयर' झुग्गी कैंप के लोगों ने इस बार चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। उन्होंने झुग्गी-बस्ती के बाहर एक बैनर लटका दिया है। उसमें लिखा है- बिजली नहीं तो वोट नहीं। लोगों के गुस्से के सामने नेता भी अब इस कैंप में जाने से घबरा रहे हैं। 40 साल पुरानी इस बस्ती में करीब 1800 वोटर हैं। 6 हजार आबादी है। यहां करीब 800 झुग्गियां हैं।
यह एरिया नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आता है। लोगों का कहना है कि हर चुनाव में नेता उन्हें छलकर वोट ले जाते हैं, लेकिन जिंदगी में जो अंधेरा छाया है, उसे कोई दूर नहीं करता। इस बार सब्र का बांध टूट गया है। बिजली नहीं होने से लोगों का जीवन रुक गया है। लोगों के घरों में टीवी हैं, लेकिन बिजली नहीं होने से दुनिया से कटे हुए हैं। मोबाइल हैं, पर उन्हें चार्ज दूसरे इलाकों में जाकर करते हैं। यह स्थिति संसद और पीएम हाउस से 10 किलोमीटर दूर की है। मीटर लग जाएं तो यहां के लोग बिजली का बिल देने को भी तैयार हैं।
क्यों नहीं है बस्ती में बिजली
20 साल पहले तक यहां बिजली होती थी, हालांकि बिजली सीधे खंभों से होती थी। बाद में कटवा दी गई। लोगों के मुताबिक, बिजली कंपनी एनडीपीएल यहां बिजली देना चाहती है, पर उसके लिए रक्षा विभाग से एनओसी चाहिए जो नहीं मिल रही। दिल्ली कैंट की केवल दो झुग्गी बस्ती में बिजली नहीं है, उसमें बरार स्क्वॉयर और क्रिबी प्लेस की झुग्गियां शामिल हैं। लोगों का कहना है कि इसी क्षेत्र के ईस्ट मेहराम नगर, झरेड़ा और प्रह्लादपुर की झुग्गी-बस्ती में बिजली है, फिर उनके साथ भेदभाव क्यों?

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