लोकसभा चुनाव 2019: नरेंद्र मोदी का राजीव गांधी पर हमला क्या उनकी हताशा है

भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी को लेकर भारतीय मीडिया में कई सर्वे आ चुके हैं, चुनाव नतीजों के इंतज़ार किए बिना 'आएगा तो मोदी ही' जैसे जुमले खूब प्रचारित हो रहे हैं. चुनावी सर्वे से लेकर अख़बार और टीवी चैनलों की दुनिया में मोदी के सामने कोई विपक्ष को भाव देता नहीं दिख रहा है, ऐसे समय में पांचवें चरण के चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश के बस्ती में प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषण से विवाद हो गया है.
अपने भाषण में मोदी ने कहा, "आपके पिताजी को आपके राग दरबारियों ने मिस्टर क्लीन बना दिया था. गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन मिस्टर क्लीन चला था. लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया."
कहते हैं कि मोहब्बत और जंग में सब जायज़ है. भारत में होने वाले चुनाव भी अब किसी युद्ध में ही तब्दील होते दिख रहे हैं. कम से कम, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने चुनाव को युद्ध के मैदान में तो बदल ही दिया है. और जब सब कुछ जायज़ हो....फिर भले ही एक ऐसे शख़्स पर कीचड़ उछाला जाए तो जवाब देने के लिए मौजूद नहीं है. इसके लिए प्रधानमंत्री पद की गरिमा, सवालों के घेरे में आए तो आए.
नरेंद्र मोदी सरकार में भारतीय लोकतंत्र की प्रभावी संस्थाओं की गरिमा को तार-तार करने के उदाहरण हाल के दिनों में बढ़े हैं. चुनाव आयोग की ओर से एक के बाद एक नरेंद्र मोदी को मिली सात क्लीन चिट पर भी विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई, सीवीसी, आईबी इन सबका इस्तेमाल विरोधियों के ख़िलाफ़ करने के आरोप भी मौजूदा मोदी सरकार पर लगते रहे हैं.
ऐसे में मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर दिए ताजा बयान को आरोप-प्रत्यारोप की लगातार टूटती सीमाओं की एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है. नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी को जिस तरह से 'भ्रष्टाचारी नंबर वन' कहा है, वह भी तथ्यों के साथ खिलवाड़ है. रही बात राजीव गांधी को 'मिस्टर क्लीन' के तमगे की तो, ये ठीक वैसी ही बात रही होगी जैसे नरेंद्र मोदी गुजरात में 'विकास पुरुष' के तौर पर प्रचारित होते गए.
लेकिन उन्होंने जिस बोफोर्स कांड का आरोप प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर लगाया है, उसकी जांच में क्या कुछ सामने आया है, इसे देखने की ज़रूरत है. 64 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत के इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राजीव गांधी पर कोई आरोप साबित नहीं हो पाया.

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