देश के सबसे ज्यादा संवेदनशील इस लोकसभा क्षेत्रों में हुई मुठभेड़, पथराव व गिरफ्तारियों का मतदान पर पड़ेगा भारी असर

इमामसाहब में शुक्रवार की तड़के हुई मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के तीन स्थानीय आतंकियों की मौत और हिंसक प्रदर्शनों ने न सिर्फ शोपियां बल्कि इससे सटे पुलवामा जिले का भी माहौल बदल दिया है। पत्थरबाजों की गिरफ्तारी और आतंकी संगठन द्वारा चुनाव बहिष्कार के ताजा फरमान के बीच सोमवार को होने वाले मतदान के लिए बची खुची उम्मीद को लेकर भी प्रशासन और राजनीतिक दल आशंकित हो गए हैं।
हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को सिर्फ झेलम दरिया के बायीं तरफ हाईवे के साथ सटे पांपोर और अवंतीपोरा में ही चुनावी सभाएं हुई। वहीं, झेलम के दाएं तरफ जिला पुलवामा या शोपियां में जो सभाएं होनी थीं, वह स्थगित हो गई। पुलवामा और शोपियां जिले देश के सबसे ज्यादा संवेदनशील लोकसभा क्षेत्रों में शामिल अनंतनाग-पुलवामा के अंतर्गत आते हैं। सुरक्षा कारणें से इस सीट पर तीन चरणों में मतदान कराने का फैसला चुनाव आयोग ने किया है। पहले दो चरणों 23 व 29 अप्रैल को क्रमश: अनंतनाग व कुलगाम में हो मतदान चुका है।

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