अवमानना मामले में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने झारखंड हाईकोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी

झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के निर्माण में व्यवधान पैदा करने से जुड़ी एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश की आलोचना तो की जा सकती है, लेकिन न्यायपालिका जैसे संवैधानिक संस्थानों की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है। 
इस मामले में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता, दयामनि बारला, राजेंद्र महतो एवं अन्य ने न्यायालय में बिना शर्त माफी मांगने की बात कहते हुए माफीनामा दाखिल किया। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति एचसी मिश्र की पीठ ने शुक्रवार को की। न्यायालय स्वतः संज्ञान से लिए अवमानना के इस मामले की सुनवाई कर रही थी। इस मामले में न्यायालय ने पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता, दयामनि बारला, राजेंद्र महतो एवं अन्य को अवमानना का नोटिस जारी किया था। 

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