‘जवानों के नाम पर वोट मांगने से बदतर कुछ नहीं, मोदी शहीदों के खून से कुर्सी सजाने में लगे हैं’

‘मोदी कौन होते हैं सेना के नाम पर वोट मांगने वाले? मेरे पति तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, वो तो चले गए और आज मोदी उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं. अगर मोदी हवाई जहाज का इंतजाम कर देते, तो आज मेरे पति ज़िंदा होते. इस दुनिया में होते, हमारे साथ होते. सेना के नाम पर वोट मांग रहे हैं मोदी, मेरे पति को वापस लाकर देंगे क्या. अगर वो मेरे पति को वापस लाने की बात करें, तब सेना के नाम पर वोट मांगे.’
इतना कहते ही 26 साल की रेनू यादव फूट-फूटकर रोने लगती हैं. उनकी आवाज़ में उदासी और गुस्सा दोनों है. रेनू यादव सीआरपीएफ जवान रमेश यादव की पत्नी हैं. रमेश यादव बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. रमेश यादव करीब 18 महीने पहले सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. एक साल की ट्रेनिंग के बाद छह महीने पहले ही उन्होंने नौकरी जॉइन की थी.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से पुलवामा शहीदों के नाम पर भाजपा को वोट करने की अपील की थी. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि क्या वो नौजवान, जो पहली बार वोट करने वाले हैं पुलवामा शहीदों के लिए भाजपा को अपना वोट दे सकते हैं.
पीएम मोदी के इस भाषण के बारे में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान रमेश यादव के गांव तोफापुर में उनके परिवार और लोगों से बातचीत की गई, तो लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के सेना के नाम पर वोट मांगने पर अपनी राय साझा की.
प्रधानमंत्री के भाषण के बारे में शहीद जवान रमेश यादव के इकलौते भाई राजेश यादव ने कहा, ‘मोदी क्या बकवास कर रहे हैं. उनकी बातें सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आता है. ये शहीदों के खून से कुर्सी सजाने में लगे हुए हैं.’

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