मसूद अजहर ग्लोबल टेररिस्ट घोषित लेकिन वजह पुलवामा हमला नहीं

पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने बताया है कि भारत की तरफ से इसके प्रयास 2009 से किया जा रहा था. 10 साल बाद सफलता मिली है. पुलवामा हमले के 75 दिन बाद मसूद अजहर को आतंकी माना गया है. लेकिन यूएन की वेबसाइट पर इस बात का जिक्र नहीं है कि पुलवामा हमले का इस फैसले से कुछ लेना देना है.
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था. जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे. इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से भी यूएन में मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया गया था. उस प्रस्ताव में पुलवामा हमले का जिक्र था. इस प्रस्ताव में पुलवामा का नाम होने से चीन को समस्या थी. इसी वजह से चीन ने इस पर वीटो लगा रखा था. भारत-चीन-पाकिस्तान में इस विषय पर बहुत सी बातें हुईं. प्रस्ताव से पुलवामा का नाम हटाने पर चीन ने वीटो भी हटा लिया. जिसके बाद मसूद अजहर को आतंकी घोषित कर दिया गया.
यूएन में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पूरी कूटनीतिक कहानी का जिक्र नहीं किया है. पाकिस्तान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भी कहा कि पुलवामा हमले का जिक्र हटने पर ये सहमति बनी. पाकिस्तान ने इस मसले को भारत की कूटनीतिक जीत मानने से इंकार किया है साथ ही ये भी कहा है कि अजहर पर लगे सारे प्रतिबंध तुरंत लागू किए जाएंगे.

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