क्या किन्नौर, रामपुर में टूटेगा कांग्रेस का तिलिस्म

लोकसभा चुनाव में किन्नौर व रामपुर वोटों के लिहाज से कांग्रेस का सिरमौर रहा है। मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आते इन दोनों क्षेत्रों के मतदाताओं पर लहर बेअसर रहती है। पिछले आम चुनाव में मोदी लहर थी। लेकिन यह लहर भी किन्नौरवासियों को नहीं मोह पाई। रामपुर ऐसा सियासी किला है जहां कांग्रेस के अलावा किसी दूसरे दल के लिए जगह बनाना आसान नहीं है।  
अहम सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किन्नौर व रामपुर में कांग्रेस को मिलने वाली लीड पर विराम लगा पाएंगे? हालांकि जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र सिराज भी उनके साथ चलता रहा है। सिराज के लोगों ने केवल जयराम का साथ दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य की सत्ता पर बैठा दल सिराज के लोगों को अधिक पसंद आता है। इस बार मंडी संसदीय सीट पर हो रहा चुनाव जयराम ठाकुर की
प्रतिष्ठा का भी सवाल है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र्र सिंह का राजमहल रामपुर में है। रामपुर से उनका भावनात्मक नाता भी है। यहां के ज्यादातर लोग वीरभद्र्र सिंह का कहना मानते हैं चाहे चुनाव हो या कोई दूसरा मामला। जनजातीय जिला किन्नौर में भी राजनीतिक मुकाबला नजदीक का रहता है। 

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