कांग्रेस और भाजपा के 2014 चुनाव के प्रत्याशी फिर चुनाव मैदान में आमने-सामने

इस सीट से भाजपा ने एक बार फिर निहालचंद मेघवाल पर दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने भरतराम मेघवाल को टिकट दिया। दोनों ही इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं। आजादी के बाद इस सीट पर हुए 15 चुनाव में कांग्रेस ने 9 बार जीत हासिल की। वहीं, भाजपा सिर्फ 4 बार ही जीत दर्ज कर पाई है। खास बात ये है कि चारों बार भाजपा से निहालचंद ही सांसद बने हैं, जो अब पांचवी बार अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। परिसीमन के बाद सीट को एससी के लिए आरक्षित कर दिया गया।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भरतराम मेघवाल की टिकट काटकर चूरू जिले के भंवर लाल मेघवाल (राज्य सरकार में वर्तमान मंत्री) को उम्मीदवार बनाया था। तब बाहरी प्रत्याशी होने का फायदा भाजपा को मिला। इससे पूर्व भरतराम मेघवाल और निहालचंद मेघवाल वर्ष 2004 और 2009 के चुनाव में आमने-सामने हो चुके हैं। वर्ष 2004 में भरतराम मेघवाल को निहालचंद ने हराया तो अगले चुनाव 2009 में भरत ने निहाल को पटखनी देकर चुनाव जीता।
पंजाबी और राजस्थानी संस्कृति की आबोहवा वाली गंगानगर सीट पर जातिगत फैक्टर के लिहाज से दोनों प्रमुख पार्टियों ने मेघवाल जाति के नेताओं को ही प्रत्याशी बनाया। कांग्रेस ने 1989 के चुनाव में गैर मेघवाल हीरालाल इंदौरा को प्रत्याशी घोषित किया था। तब कांग्रेस की हार हुई। इसके अलावा भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों का गृह क्षेत्र इस लोकसभा क्षेत्र के अंतिम छोर पर है। भाजपा प्रत्याशी निहालचंद का गृह क्षेत्र रायसिंहनगर लोकसभा सीट के एक छोर पर है तो वहीं कांग्रेस के भरतराम का गृह क्षेत्र रावतसर दूसरे छोर पर है। ऐसे में इससे दोनों प्रत्याशी एक दूसरे के गृह क्षेत्र में वोटों की सेंध लगाने की होड़ में हैं। 

More videos

See All