Chhattisgarh में आचार संहिता हटते ही भूपेश सरकार पर बढ़ेगा ऐसा दबाव

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही प्रदेश सरकार पर भारी दबाव रहेगा। एक तरफ, तो उस पर अपने बड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की चुनौती रहेगी और दूसरी तरफ किसान से लेकर दूसरे दूसरे वर्ग और संगठनों की फिर से सरकार पर निगाह टिक जाएगी। सरकार ने किसानों को बोनस राशि तो दे दी है, लेकिन उन्हें बैंकों से कर्जमाफ का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है। किसान सर्टिफिकेट चाहेंगे।
पुलिस से लेकर शिक्षाकर्मी, अनियमित कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत दूसरे संगठन अपनी मांगों को लेकर फिर से सड़क पर उतर सकते हैं। इसका कारण यह है कि इसी साल नवंबर-दिसंबर में नगरीय निकायों का चुनाव होना है, उसके पहले हर कोई चाहेगा कि उसकी मांग पर सरकार मुहर लगा दे।

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