केंद्र की सौभाग्य योजना बनी जम्मू कश्मीर के लघु उद्योग का दुर्भाग्य
सितंबर 2018 तक देश के चार करोड़ परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन देने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिसंबर 2017 में शुरू की गई सौभाग्य योजना अब जम्मू-कश्मीर के उद्योग का दुर्भाग्य बन गई है। राज्य में प्रधानमंत्री के हर घर बिजली देने के सपने को साकार करते-करते स्थानीय लघु उद्योग आज खुद संकट में आ गया है।
राज्य में यह योजना तो सफल हो गई लेकिन इसे सफल बनाने में अहम योगदान देने वाला उद्योग जगत आज अपने पैसा पाने के लिए सरकारी औपचारिकताओं में पिस रहा है। केंद्र प्रायोजित सौभाग्य योजना को सफल बनाने के लिए उद्योगपतियों ने बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर, बिजली के तार व पावर ट्रांसमिशन कंडक्टर सहित अन्य सभी आवश्यक उपकरण पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (पीडीडी) को सप्लाई किए।