दिलचस्प है बंगाल की 'जंगीपुर' लोकसभा सीट, भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार 'माफूजा खातून' पर है सबकी नजर

 वीआइपी सीट का जिक्र आते ही पश्चिम बंगाल की जंगीपुर लोकसभा सीट जेहन में कौंधने लगती है। वजह है लंबे समय से माकपा के पास रही उक्त सीट से कांग्रेस के टिकट पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जीतना। इसके बाद से ही मुस्लिम बहुल इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाने लगा था। वर्तमान में इस सीट से प्रणब के बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के सांसद हैं।
जंगीपुर में अल्पसंख्यक आबादी को ही निर्णायक माना जाता है। जंगीपुर में कुल 16,12,775 मतदाता हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक जंगीपुर की आबादी में 67 फीसद अल्पसंख्यक हैं। 2014 में 80.43 फीसद तो 2009 में 85.95 फीसद मतदान हुआ था। इस जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस को छोड़ अन्य सभी दलों के उम्मीदवार अल्पसंख्यक तबके से हैं।
2004 से 2014 तक कांग्रेस के राज में जंगीपुर की तस्वीर जस की तस रहने से भी लोगों का कांग्रेस से मोह भंग हुआ है। तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए की गई पहल भी भाजपा के लिए रामवाण साबित हो सकती है। चूंकि कांग्रेस ने इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया था, जिससे मुस्लिम महिलाएं भी नाखुश हैं।
 
बीते कुछ वर्षों में जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का असर बढ़ा है। जबकि 2009 के लोकसभा चुनावों के बाद हर बार जहां कांग्रेस और माकपा के वोटों में लगातार गिरावट दर्ज की गई, भाजपा के वोट में बढ़ोतरी हुई है। यहां तीसरे चरण में मंगलवार को मतदान हो रहा है। इस बार भी कांग्रेस ने अभिजीत को ही प्रत्याशी बनाया है। तृणमूल कांग्रेस ने खलीलुर रहमान को। भाजपा ने भी कुमारगंज सीट से दो बार (2001 और 2006) वामफ्रंट की सहयोगी पार्टी सीपीआइ की विधायक रह चुकीं माफूजा खातून पर भरोसा जताया है।

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