मायावती ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त फैसला

भड़काऊ भाषण के आरोप में 48 घंटे चुनाव प्रचार से रोके जाने पर बसपा प्रमुख मायावती ने भारत निर्वाचन आयोग पर पक्षपातपूर्ण फैसले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग भाजपा के लिए आंख-कान बंद कर रखे है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पूरी छूट दे रखी है लेकिन, दलित नेता पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने आयोग पर जातिवाद का आरोप भी लगाते हुए फैसले पर पुनर्विचार की मांग भी की।
आयोग के फैसले से नाराज मायावती ने सोमवार रात पत्रकारों के समक्ष खुद पर लगे आरोपों की सफाई देते हुए कहा कि मुझे दिए गए नोटिस में भड़काऊ भाषण का जिक्र नहीं था। मैंने जाति-धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगा और न किसी की धार्मिक भावना को नहीं भड़काया है। उन्होंने कहा कि मेरा पक्ष सुने बिना प्रतिबंध लगा दिया और अधिकारों से क्रूरतापूर्वक वंचित कर दिया है। जल्दबाजी में लिए गए इस फैसले से आयोग के इतिहास में यह दिन काला दिवस के रूप में जाना जाएगा।

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