Inside Story: AAP से गठबंधन को लेकर यह है कांग्रेस की दुविधा, राहुल भी बेबस

लोकसभा चुनाव-2019 की प्रक्रिया के क्रम में छठे चरण में 12 मई को दिल्ली की सातों सीटों पर मतदान होना हैं और मंगलवार से नामांकन शुरू हो रहा है। बावजूद इसके आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) और कांग्रेस के बीच (Congress) के बीच गठबंधन को लेकर बंद मुट्ठी खुल ही नहीं रही है। AAP के तमाम सियासी दबावों से इतर कांग्रेस भी दिल्ली से बाहर गठबंधन न करने पर अड़ गई है। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि केवल दिल्ली में ही AAP के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जा सकता है। साथ ही कहा कि AAP के इऩकार पर पार्टी सातों उम्मीदवार घोषित करने के लिए भी तैयारी रखे। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि आलाकमान के स्तर पर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन को देखा जा रहा है तो हरियाणा और दिल्ली में 12 महीने के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में स्थानीय नेतृत्व व नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। उन्हें अपनी जमीन खिसकने का खतरा भी है। 
दरअसल, सोमवार शाम AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच ट्विटर पर हुई सियासी भिड़ंत से पहले सुबह राहुल ने वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल और दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के साथ इस मुद्दे पर लंबी मंत्रणा की थी। सुबह 10 बजे करीब आधे घंटे तक चली इस मंत्रणा में दिल्ली के संभावित गठबंधन की बागडोर संभाल रहे अहमद पटेल ने स्वयं ही आलाकमान को स्पष्ट कर दिया कि हरियाणा में गठबंधन करना संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में AAP नेता संजय सिंह और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ एक बार फिर से बैठक की जा सकती है।

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