राज ठाकरे कर रहे कांग्रेस-एनसीपी का प्रचार, लेकिन दोनों पार्ट‍ियों ने रैली का खर्च देने से किया मना

लोकसभा चुनाव के चुनाव में महाराष्‍ट्र की लड़ाई दिलचस्‍प हो गई है. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का मुकाबला कांग्रेस-एनसीपी से हो रहा है. बड़ी बात ये है कि कभी कांग्रेस के धुरविरोधी रहे राज ठाकरे इन चुनावों में कांग्रेस और एनसीपी के लिए प्रचार कर रहे हैं. राज ठाकरे महाराष्ट्र में 11 सभाएं करेंगे, जिनमें कांग्रेस के 4 उम्मीदवार और एनसीपी के 2 उम्मीदवारों के समर्थन में इनकी सभाएं होंगी. एक सभा तो वह कर भी चुके हैं. लेकिन जब राज ठाकरे की सभाओं के खर्चे की बात आती है तो दोनों पार्ट‍ियां उनसे पल्‍ला झाड़ लेती हैं.
यही राज ठाकरे की सबसे बड़ी विडंबना है. राज ठाकरे की सभाओं का खर्च भी लाखों में है, लेकिन इसकी खर्च वहन करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस एक सिरे से नकार रही हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सामान ने तो यहां तक कह दिया, "राज ठाकरे से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. राज ठाकरे चुनाव प्रचार करें या ना करें इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस ने पिछले साढ़े चार साल में विरोधी दल की अच्छी भूमिका निभाई है और आज भी उस तरह से सरकार के किए गए कामों की आलोचना भी कर रही है. राज ठाकरे की चुनावी रैलियों का खर्च कांग्रेस को उठाने का कोई सवाल ही नहीं बनता क्योंकि ना तो और राज ठाकरे कांग्रेस के प्रचारक हैं और ना ही कांग्रेस पार्टी से उनका कोई संबंध है."

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