देश के पहले मतदाता का बुलंद हौसला कहा, जब तक सांस; लोकतंत्र की मजबूती के लिए डालूंगा वोट

 अब शरीर ने भी काम करना छोड़ दिया है। घुटने भी जवाब दे रहे हैं। एक आंख और कान भी काम नहीं कर रहा है। फिर भी मैंने हार नहीं मानी है। चाहे जैसी भी परिस्थितियां रही हों, मैंने वोट करने से अपने पैर कभी पीछे नहीं किए। जब तक शरीर में सांस रहेगी तब तक अपना धर्म मानते हुए देश के लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपने मत का प्रयोग करता रहूंगा। यह कहना है स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा निवासी 102 वर्षीय श्याम सरन नेगी का। उन्होंने 1952 में पहली बार आम चुनाव से पूर्व 25 अक्टूबर 1951 को किन्नौर में वोट डाला था। मौसम के हालात देखते हुए बर्फबारी से पहले किन्नौर में चुनाव से पूर्व विशेष मतदान करवाया गया था। उस समय श्याम सरन नेगी ने देश का पहला वोट डालकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया था। देश के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी इस बार कल्पा के बूथ नंबर 51 में 19 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान करेंगे।

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