जासूसी मामले में ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद नवांकुर चौधरी सवालों के घेरे में, बोले– 'आरोप बेबुनियाद'
पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में देश की सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी और तेज़ कर दी है। ऐसे ही एक मामले में हरियाणा की चर्चित यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया

पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में देश की सुरक्षा एजेंसियों ने संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी और तेज़ कर दी है। ऐसे ही एक मामले में हरियाणा की चर्चित यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है, क्योंकि इससे जुड़े कुछ अन्य नाम भी अब जांच के घेरे में आ गए हैं। इन्हीं में से एक नाम है रोहतक, हरियाणा के निवासी और मशहूर ट्रैवल व्लॉगर नवांकुर चौधरी का, जिन्हें सोशल मीडिया पर 'डॉक्टर यात्री' के नाम से जाना जाता है।
नवांकुर चौधरी का नाम इसलिए चर्चा में आया क्योंकि वे भी पाकिस्तान की यात्रा कर चुके हैं और साल 2024 में नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा आयोजित ‘नेशनल डे’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में ज्योति मल्होत्रा और पाकिस्तानी अधिकारी दानिश की मौजूदगी भी दर्ज की गई थी। इस आयोजन के दौरान ज्योति ने नवांकुर के साथ एक सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा की थी, जो अब संदिग्ध संबंधों की अटकलों को और हवा दे रही है।
ज्योति की गिरफ्तारी के बाद से सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने नवांकुर चौधरी को भी कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है, जिससे उन पर मानसिक और सामाजिक दबाव बढ़ गया है।
हालांकि, नवांकुर चौधरी ने इन तमाम आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है और अपने ऊपर लग रहे संदेह को आधारहीन और अफवाह बताया है। फिलहाल वे आयरलैंड में हैं और वहीं से उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उन्हें बिना किसी ठोस प्रमाण के एक गंभीर मामले से जोड़ा जा रहा है, जो सरासर गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें जांच के लिए भारत बुलाया जाता है, तो वे स्वेच्छा से लौटकर किसी भी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बनने को तैयार हैं। उन्होंने अपनी बात में यहां तक कहा कि अगर कोई भी जांच एजेंसी यह सिद्ध कर देती है कि उन्होंने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है या किसी भी प्रकार की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान के साथ साझा की है, तो उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के जेल में डाल दिया जाए।
डॉक्टर नवांकुर चौधरी एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं, जिन्होंने मद्रास मेडिकल कॉलेज से स्नातक किया है।
डॉक्टरी के पेशे में मन न लगने के कारण उन्होंने ट्रैवलिंग और व्लॉगिंग को अपना करियर बनाया। उन्होंने 30 सितंबर 2017 को अपना यूट्यूब चैनल 'डॉक्टर यात्री' शुरू किया था, जिस पर वे अब तक 95 से अधिक देशों की यात्राओं से जुड़े अनुभव और वीडियो साझा कर चुके हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर साढ़े 17 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर भी उनके लगभग 6 लाख फॉलोअर्स हैं। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय स्थलों की यात्राएं की हैं और अपने अनुभवों के ज़रिए युवाओं में यात्रा को लेकर जागरूकता और रुचि पैदा करने का काम किया है।
हालांकि, सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं ने उनके ट्रैवलिंग करियर को भी सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। कुछ लोगों ने यह सवाल भी उठाया है कि आखिरकार उन्हें पाकिस्तान जैसे देश की यात्रा करने की आवश्यकता क्यों पड़ी, जबकि भारत और पाकिस्तान के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। उनके पाकिस्तानी दूतावास के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर भी कई प्रकार की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। हालांकि, यह भी सच है कि ऐसे कूटनीतिक आयोजनों में आमंत्रित लोगों की सूची और उपस्थिति हमेशा सार्वजनिक और नियोजित होती है, जिसमें व्यक्तिगत रूप से शामिल होना गैरकानूनी नहीं माना जाता।
डॉ. नवांकुर ने अपने वीडियो में साफ तौर पर कहा कि वे देशभक्त नागरिक हैं और उन्होंने न कभी किसी गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग किया है, न ही किसी विदेशी शक्ति के साथ किसी भी प्रकार का संपर्क स्थापित किया है जो भारत की संप्रभुता के खिलाफ हो। उन्होंने लोगों से अपील की कि बिना पूरी जानकारी के किसी पर भी गंभीर आरोप लगाना न केवल उस व्यक्ति के करियर और मानसिक स्थिति को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि समाज में झूठी सूचनाओं के प्रसार को भी बढ़ावा देता है।
फिलहाल, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से नवांकुर चौधरी के खिलाफ कोई औपचारिक जांच या कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। लेकिन जिस तरह से सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रही हैं, उससे यह ज़रूर प्रतीत होता है कि भविष्य में उनके सफाई देने के बावजूद यह विवाद कुछ समय तक उन्हें परेशान कर सकता है। यह मामला इस बात का भी उदाहरण बनता जा रहा है कि किस तरह सोशल मीडिया पर वायरल हुई जानकारी या तस्वीरें किसी व्यक्ति की छवि पर भारी असर डाल सकती हैं, भले ही उसके खिलाफ कोई ठोस आरोप न हो।