COVID-19 वैक्सीनेशन को लेकर केंन्द्र ने SC को सौंपा पत्र, टीकाकरण व्यक्ति का स्वैच्छिक अधिकार
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में COVID-19 टीकाकरण को लेकर 17 जनवरी को एक शपथ-पत्र पेश करते हुए कहा कि टीकाकरण करवाना जरुरी नहीं है।
देश में टीकाकरण के लिए ना ही किसी भी व्यक्ति को मजबूर किया जा सकता ये स्वैच्छिक प्रणाली के अंतर्गत आने वाली प्रक्रिया है वैक्सीनेशन लगवाना आदेशानुसार प्रणाली नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार ने कोई भी मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत ये लागू नहीं किया गया और ये टीकाकरण प्रमाण-पत्र को अनिवार्य नहीं बनाता।
सरकार नव कहा कि कोई भी व्यक्ति की सहमति प्राप्त किए बग़ैर टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जाएगा, केंद्र ने दिव्यांगों के डोर-टू-डोर टीकाकरण की अर्जी पर जवाब दाखिल करते हुए कहीं।
COVID-19 टीकाकरण लोकहित के लिए है और प्रमाण-पत्र सार्वजनिक जगह पर दिखाने को लेकर बताया की ये विज्ञापन और जन-जागरूकता लाने के लिए लागू किया गया है।