बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिर बरी किया दुष्कर्म का आरोपी, कहा- पीड़िता को पकड़ना और कपड़े उतारना, अकेले व्यक्ति के लिए असंभव
पॉक्सो के तहत यौन शोषण को लेकर विवादास्पद आदेश के बाद, बंबई उच्च न्यायालय के नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेदीवाल ने दुष्कर्म के आरोपी को बरी कर दिया है।
न्यायमूर्ति का कहना है कि एक आदमी के लिए पीड़िता का मुंह बंद करना और बिना किसी हाथापाई के एक ही समय में उसके और अपने कपड़े उतारना असंभव लगता है।
गनेदीवाल 26 साल के सूरज कासकर की सजा के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थीं, जो यवतमाल का रहने वाला है, आरोपी ने 15 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म किया था।
विशेष अदालत का कहना है कि अभियोजन पक्ष दुष्कर्म और आपराधिक अत्याचार के आरोप तो साबित कर सकता है लेकिन यह नहीं कि घटना के समय पीड़िता 18 वर्ष से कम थी।
गनेदीवाल पहली बार चर्चा में तब आई थीं जब उन्होंने एक 12 वर्षीय लड़की के स्तन को छूने के आरोपी व्यक्ति को बरी कर दिया था क्योंकि उनके बीच त्वचा से त्वचा का संपर्क नहीं बना था।