PM मोदी और CM नीतीश के 'खुले में शौच से मुक्त बिहार' की सच्चाई आंकड़ों से समझिए

  • भाजपा और जदयू बिजली, पानी और शौचालय जैसे कार्यों को चुनावी जनसभाओं में गिना रहे हैं. सात निश्चय के बाद सात निश्चय-2 की घोषणा कर रहे हैं.
  • लेकिन क्या वाकई में ये काम जमीन पर सही तरीके से हुए हैं? पीएम मोदी और सीएम नीतीश की बातों में दम है? आंकड़ें तो चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं.
  • स्वच्छ भारत मिशन की डेटा के अनुसार, 1374 गांवों में बने शौचालयों का एक बार भी सत्यापन नहीं हुआ है. बिहार में 38,691 गांव हैं जिसमें 37,317 गांवों का एक बार सत्यापन हुआ है.
  • चौंकाने वाली बात ये है कि गांव में एक बार शौचालय बन जाता है तो दूसरी बार उसका वेरिफिकेशन करने कोई नहीं जाता. ये सरकारी काम पर सवाल खड़े करते हैं.
  • शौचालय निर्माण कराने के बाद फोटो अपलोड करना होता है लेकिन इस मामले में बिहार में सिर्फ 81 फीसदी निर्मित शौचालयों के फोटो अपलोड हैं.
     

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