बेंच बदलते ही बदले गुजरात कोर्ट के सुर, कहा- सरकार कुछ न करती तो सब मर चुके होते

  • गुजरात हाईकोर्ट ने कोरोना महामारी से संबंधित एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए कहा कि यह राजनीतिक नहीं, मानवीय संकट है।
  • कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार की आलोचना करने से किसी चमत्कार से लोग ठीक नहीं होने लगेंगे और न ही मर चुके लोग जिंदा होने वाले हैं। 
  • चीफ जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई में बेंच ने कहा, 'यदि सरकार ने रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया होता, तो हम सब मर चुके होते।' 
  • दरअसल, आरोप लगाया गया है कि केंद्र ने कोरोना महामारी को लेकर कुछ नहीं किया, अब मामले में अगली सुनवाई 19 जून को होगी। 
  • इसी याचिका पर पहले सुनवाई में बेंच ने कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है।
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