वहीं किसानों को केवल वजन व रेट की कच्ची पर्ची आढ़तियों द्वारा दी गई हैं तो सवाल यह उठता है कि उन किसानों की पेमेंट कैसे होगी।
हुड्डा की मांग है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदे गए धान की निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए और मंडियों में पड़े धान को तुरंत खरीदा जाना चाहिए।