सावरकर न ‘वीर’ थे न देशभक्त, अंग्रेज़ों से माफी मांगने वाले को भारत रत्न देना दुर्भाग्यपूर्ण: भूपेश बघेल

  • बघेल के मुताबिक सावरकर को “वीर” कहना और फिर भारत रत्न देने की पेशकश करना सांप्रदायिकता के गंदले इतिहास को मिटाने की कोशिश करने जैसा है.
     
  • उन्होंने कहा कि, “आरएसएस-बीजेपी द्वारा प्रायोजित अभियान है ये. जिस सावरकर ने उस वक्त अंग्रज़ों से माफ़ी मांगी जब पूरा देश महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश साम्राज्यवाद से संघर्ष कर रहा था, उस सावरकर को वीर कैसे कहा जा सकता है?”.
     
  • इतिहास का हवाला देते हुए बघेल ने कहा कि हिंदू महासभा और सावरकर जैसे लोगों ने शुरु से ही सांप्रदायिकता के बीज बोने शुरु कर दिए थे.
     
  • बघेल ने कहा – “आरएसएस और सावरकर जैसों के चलते न केवल देश का विभाजन हुआ बल्कि महात्मा गांधी की हत्या भी हुई, गांधी जी की हत्या में सावरकर का हाथ था, ऐसे सावरकर को भारत रत्न देने की पेशकश करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
     यह भी पढ़ें: BJP की योजनाओं में अपनी फोटो लगाकर काम कर रहे हैं सीएम भूपेश बघेल: रमन सिंह
  • गांधी और सावरकर के बहाने कांग्रेस और बीजेपी की सोच का फर्क रेखांकित करते हुए बघेल ने कहा कि कांग्रेस गांधी को अपना आदर्श मानती है, जबकि बीजेपी के आदर्श सावरकर और गोडसे हैं, इसी से पता चलता है कि बीजेपी कितनी देशभक्त है.

More videos

See All