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'डबल इंजन' के भरोसे एक बार से चुनावी मैदान में भाजपा
- मोदी ने 2014 में विधानसभा चुनाव के समय एक मंत्र दिया कि अगर केंद्र और राज्य में एक पार्टी की सरकारें रहीं तो तेज और निर्बाध विकास सुनिश्चित हो पाएगा और पार्टी ने इसे ‘डबल इंजन‘ का नाम दिया.
- हरियाणा में धारा के विपरीत जाकर भाजपा ने राजनीतिक रूप से वर्चस्व रखने वाले जाटों पर सबसे कम ध्यान दिया और गैर-जाटों को एकजुट करने का नया दांव खेल दिया.
- महाराष्ट्र में भाजपा शिव सेना से अलग चुनाव मैदान में उतरी और सबसे बड़ा दल बन गई हालांकि वह जादुई आंकड़े को छूने से जरा दूर रह गई.
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- इसमें जोखिम केवल यह है कि जहां पहले से डबल इंजन चल रहा है वहां के प्रदेश नेतृत्व में एक शिथिलता का भाव आने का खतरा है क्योंकि प्रदेश नेतृत्व इस भरोसे रह जाता है कि केंद्र की ताकत तो उसे जिता ही देगी.
- वहीं दोनों ही राज्यों में विपक्ष का न तो मनोबल इस लायक दिख रहा है और न ही उसके तरकश में इतने तीर नज़र आ रहे हैं कि वह मोदी-शाह की जोड़ी से दो-दो हाथ कर सके.