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यूपी के सभी संस्थानों में लगेंगे रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम, कानून लाएगी सरकार

उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार अलग अलग माध्यमों से जल संचयन करेगी और उसे कानून में भी तब्दील किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार अब ऐसे नियम बनाएगी कि चाहे कोई कालेज, कोई शैक्षणिक संस्था या व्यापारिक संस्थान हो, सभी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनी अपनी संस्थाओं में लगाना जरूरी होगा. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मान्यता देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है या नहीं. उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से सभी सरकारी आफिसों में में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य किया जाएगा.
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जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह बुधवार को योजना भवन के सभाकक्ष में भूगर्भ जल विभाग, अलग अलग सामाजिक, व्यापारिक, शैक्षणिक और तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के संसाधनों की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आगे अब जो भी निर्माण कराए जाएंगे, उसका नक्सा तभी पास किया जाएगा जब वहां पर वाटर रिचार्ज सिस्टम बना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार अब ऐसे प्रावधान करेगी कि कहीं से भी हम जितना पानी लें उतना ही पानी धरती के अंदर भी डाला जाए. उन्होंने कहा कि अब ऐसा एक्ट बनाया जाएगा जिसमें यह प्रावधान होगा कि कोई भी इंडस्ट्री यदि पाइप से गंदा पानी या प्रदूषित पानी धरती के अंदर डाल रही हो तो उसे 5 से 10 लाख रुपये जुर्माना और 5 से 7 साल की कड़ी सजा की व्यवस्था की जाए.
डॉ. सिंह ने कहा कि अब पानी से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि ऐसे सभी एक्ट को लागू करके अगली बारिश से पहले जल संचय, जल संवर्धन के लिए बड़ा काम प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा.
 
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नदियों का जीर्णोद्धार, नदियों के किनारे पेड़ लगा कर, तालाबों के किनारे वृक्षारोपण कर के जल संचयन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ छोटे-बड़े मॉडल के माध्यम से गरीब से गरीब आदमी भी अपने घर में रेन वाटर सिस्टम लगा सकें या बना सकें, उसके लिए भी मॉडल तैयार किया जाएगा. एकेटीयू के कुल सचिव से कहा गया कि वे अलग अलग विश्वविद्यालयों के माध्यम से अच्छे मॉडल बनाकर अपने बेवसाइट पर डालें ताकि कोई भी व्यक्ति उस मॉडल का प्रयोग आसानी कर सके.
डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन के बच्चों को कैसे जल संरक्षण के लिए जागरूक किया जाए, इसके संबंध में पाठ्य-पुस्तकों में जल संरक्षण का विषय पढ़ाया जाएगा. पूरे प्रदेश में एक विशेष प्रकार का अभियान चलाया जाएगा. गोष्ठियां आयोजित करके पूरे प्रदेश के लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि जल को बचाया और संरक्षित किया जा सके. उन्होंने कहा कि जल की महत्ता के बारे में लोगों को बताकर जल संवर्द्धन और जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा.
बैठक में प्रमुख सचिव अनिता सिंह, लघु सिंचाई, विशेष सचिव जुहेर बिन सगीर, निदेशक वी.के. उपाध्याय, मुख्य अभियंता लघु सिंचाई, राजीव जैन, क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय भूगर्भ जल बोर्ड वाई.वी. कौशिक, अपर पुलिस महानिदेशक महेंद्र मोदी और शिक्षा, सिंचाई, नगर विकास, जल निगम, स्वास्थ्य आदि 18 विभागों के नोडल अधिकारी और सामाजिक, व्यापारिक, शैक्षणिक संस्थानों और तकनीकी शैक्षणिक संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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