लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार हुई महागठबंधन की बैठक

लोकसभा चुनाव में हार के बाद महागठंधन में शामिल दलों के नेताओं की मंगलवार को पहली बार बैठक हुई. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की हार पर चर्चा की गई और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में सभी नेताओं ने एकस्वर में संघर्ष करने की बात कही. बैठक में नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (आरएलएसपी), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) का महागठबंधन महज चुनाव के लिए नहीं था. यह गठबंधन अवाम के सरोकारों को उसकी समेकित पूर्ति के लिए था और हम अपनी सामूहिक जिम्मेवारी को भली भांति समझते हैं.
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सभी दल के नेताओं ने एकसुर में कहा कि हम सबका यह मानना है कि गरीब-गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों से मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है. बैठक के बाद बाहर निकले हम के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "महागठबंधन आज भी मजबूत है और भविष्य में यह और मजबूत होगा. हमलोग साथ मिलकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे."
बैठक में शामिल नेताओं ने कहा, "महागठबंधन के तमाम सहयोगी दल इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि मौजूदा दौर में राजनीति के स्वरूप और चरित्र को बदलना भी हमारी जिम्मेदारी है. राज्य और राष्ट्र को एक वैकल्पिक लोकोन्मुख राजनीति का तेवर दिया जाए, ये हम सबों का भरोसा है." गठबंधन सिर्फ नेताओं के बीच का गठबंधन नहीं, बल्कि समाज के हाशिये पर पड़े लोगों का हाथ पकड़ कर चलने की प्रतिबद्घता का दूसरा नाम है.
इस बैठक में आने वाले दिनों में जनसंघर्षो के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष करने का निर्णय लिया गया. बैठक में आरजेडी के तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और बिहार के प्रभारी विरेन्द्र राठौर, वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे उपस्थित थे.

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