हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीति में निर्णायक मोड़ पर हैैं। कांग्रेस के प्रति कभी गरम तो कभी नरम तेवर दिखाने वाले हुड्डा आज अपनी आगे की सियासत के बारे में बड़ा फैसला कर सकते हैं। हुड्डा ने अपने भविष्य की राजनीतिक दिशा तय करने के लिए आज 38 सदस्यीय कमेटी की बैठक बुलाई है। इस कमेटी का गठन रोहतक रैली में किए गए निर्णय के अनुरूप अगली राजनीतिक दिशा तय करने के लिए किया गया था। दूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह ने हुड्डा को कांग्रेस न छोड़ने की सलाह दी है। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अलग पार्टी बनाई तो बुरा हश्र होगा।
हुड्डा ने इस कमेटी का गठन तीन-चार दिन पहले गठित किया था। रोहतक की परिवर्तन महा रैली में यह कमेटी बनाने का ऐलान हुआ था। हुड्डा द्वारा गठित 38 सदस्यीय कमेटी की बैठक नई दिल्ली में होगी। इस कमेटी में शामिल नेता हुड्डा के करीबी और भरोसेमंद हैैं। इसमें हुड्डा खुद शामिल नहीं हैैं, लेकिन उनके समर्थक 11 विधायक कमेटी में हैैं।
हुड्डा द्वारा गठित कमेटी में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धर्मपाल मलिक व फूल चंद मुलाना के अलावा पूर्व स्पीकर डॉ. रघुवीर सिंह कादियान व कुलदीप शर्मा, विधायक करण सिंह दलाल, श्रीकृष्ण हुड्डा, आनंद सिंह दांगी, जगबीर मालिक, गीता भुक्कल, जयवीर वाल्मीकि, शकुंतला खटक, ललित नागर, जयतीर्थ दहिया, पूर्व वित्त मंत्री एचएस चट्ठा, प्रो. संपत सिंह, पूर्व रचच्यसभा सदस्य शादीलाल बतरा व पूर्व मंत्री निर्मल सिंह सदस्य हैं। इन समेत सभी 38 सदस्य फैसला करेंगे कि अब हुड्डा का अगला कदम क्या होगा।
INCOME TAX DEPARTMENT: पूर्व CM भजनलाल के बेटे पर आयकर विभाग की कार्रवाई, 150 करोड की होटल जब्तदूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह ने पूरे घटनाक्रम में हुड्डा को नसीहत दी है। उन्हाेंने हुड्डा को अलग पार्टी नहीं बनाने की सलाह दी है। बात दें कि बीरेंद्र सिंह रिश्ते में हुड्डा के भाई हैं। यहां पत्रकारों से बातचीत में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बड़ी पार्टी बड़ी होती है। पूर्व में भी जिन मुख्यमंत्रियों ने अपनी पार्टियां बनाई, उनका क्या हश्र हुआ सभी को पता है। यह भी कहा कि यदि हुड्डा ने अपनी पार्टी बनाई तो उनका भी हश्र उन्हीं पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह होगा।
एक सवाल के जवाब में बीरेंद्र ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने नई पार्टी बनाने का एलान नहीं किया और यह भी कहीं बयान नहीं दिया है कि मैं कांग्रेस में बना रहूंगा। हरियाणा का इतिहास रहा है, जिन बड़े नेताओं ने अपनी पार्टियां बनाईं उनका राजनीतिक करियर ही खत्म हो गया। इसलिए यदि हुड्डा अपनी पार्टी नहीं बनाते हैं तो यह उनके लिए फायदा ही है। इसके साथ ही कहा कि भाजपा हरियाणा में बड़े जनाधार की तरफ बढ़ रही है, इसलिए विरोधी पार्टियां कहीं मुकाबले में नहीं हैं।