मध्यप्रदेश की लोकसभा सीट गुना से भाजपा सांसद केपी यादव ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने शिवपुरी की महिला जिलाधिकारी (एडीएम) को लेकर यह बयान दिया है। भाजपा सांसद अशोक नगर में खराब फसलों की समस्या को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान नाराज हो गए क्योंकि एडीएम उनसे ज्ञापन लेने के लिए नहीं पहुंची थीं।मीडिया से बात करते हुए यादव ने कहा कि एसडीएस पूर्व सांसद के चरण चुंबन के लिए पहले हर गांव जाया करती थी। यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराया है। वह खुद पहले उनके सांसद प्रतिनिधि थे।
भाजपा सांसद ने कहा, 'दूसरे जो पहले सांसद रहे उनके चरण चुंबन के लिए वो (एसडीएम) गांव-गांव पहुंच जाती थी। अगर एक सांसद खुद आया हो और वो ज्ञापन नहीं वे सकती हैं तो मैं सड़क पर बैठा रहूंगा क्योंकि इस जनता ने मुझे सांसद बनाया है।' यादव ने सवा लाख वोटों के अंतर से सिंधिया को लोकसभा चुनाव में हराया था।
सिंधिया परिवार का गढ़ रही है गुना सीटगुना लोकसभा सीट पर सिंधिया राजघराने की तीन पीढ़ियों का कब्जा रहा है और यह 2019 से पहले कभी कोई चुनाव नहीं हारा है। केपी यादव एक समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते थे। पेशे से डॉक्टर यादव ने साल 2004 में राजनीति में प्रवेश किया और जिला पंचायत के सदस्य बने। राजनीति के साथ ही सामाजिक कार्यों में रुचि लेने वाले यादव धीरे-धीरे सिंधिया की पसंद बन गए और जल्द ही वे सांसद प्रतिनिधि की भूमिका निभाने लगे।
ट्रंप के सामने बोलें मोदी, 'कश्मीर दो देशों का मुद्दा है, किसी तीसरे की जरूरत नहीं'विधानसभा टिकट पर हुआ था मनमुटावजानकारी के अनुसार केपी यादव कांग्रेस से अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीट से विधानसभा टिकट मांग रहे थे। सिंधिया ने यादव की उम्मीदवारी के लिए हामी भरते हुए उन्हें क्षेत्र में प्रचार कहने के लिए कहा था। लेकिन ऐन मौके उनका टिकट काट दिया गया था। जिसकी वजह से नाराज यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया। जिसके बाद उन्हें भाजपा ने सिंधिया के खिलाफ लोकसभा उम्मीदवार बनाया। वह सिंधिया की तुलना में एक कमजोर उम्मीदवार माने जा रहे थे लेकिन नतीजों ने कांग्रेस को तगड़ा झटका देने का काम किया।