कांग्रेस का फरमान, अभी भी टीवी डिबेट में हिस्सा नहीं लेंगे प्रवक्ता

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस ने टीवी डिबेट में अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का फैसला किया था. एक महीने के लिए जारी इस आदेश की मियाद आज यानी मंगलवार को पूरी हो गई है. अब पार्टी ने अगले आदेश तक इस फैसले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है यानी टीवी बहस में अभी भी कांग्रेस प्रवक्ता हिस्सा नहीं लेंगे.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से कांग्रेस ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में जाने से रोक दिया था. पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट्स से दूर रहने की हिदायत दे दी है. संसदीय चुनाव नतीजों के बाद 29 मई को पार्टी के प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में न भेजने के फैसले की जानकारी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट के जरिए दी थी.
कांग्रेस के नेता ने उसी समय बताया था कि प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में भेजने में पर रोक एक महीने के लिए और बढ़ाई जा सकती है. परिस्थितियां भी रोक बढ़ने के संकेत दे रही हैं. वैसे भी कांग्रेस में सांगठनिक तौर पर फेरबदल संभावित हैं क्योंकि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं और अपने फैसले पर अडिग भी हैं. पार्टी नेतृत्व का मसला सुलझने तक प्रवक्ताओं वाले मामले पर फैसला होने के आसार दिखाई नहीं देते.  

मोदी राज 1.0 में 60 फीसदी बढ़े विलफुल डिफॉल्टर, पर वसूले गए 7,600 करोड़ रुपये
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी के मुताबिक यदि यह कांग्रेस पार्टी के लिए आत्ममंथन का दौर है तो मीडिया घरानों के लिए भी आत्ममंथन का दौर है. सवाल पूछे जाने चाहिए. लेकिन विपक्ष जो सवाल उठा रहा है, सरकार के विरुद्ध उनको भी मीडिया में जगह मिलनी चाहिए. मीडिया का कार्य सरकार से सवाल पूछना है न कि विपक्ष से. सत्ता पक्ष से सवाल पूछे जाने से लोकतंत्र मजबूत होता है. और सवालों से लोकलाज बची रहती है. 
पार्टी मानती है कि उसकी छवि को मीडिया के वर्ग के एकतरफा प्रस्तुतिकरण से नुकसान पहुंचा और उसका असर नतीजों पर भी हुआ. हालांकि, पार्टी ने प्रिंट मीडिया का कोई बहिष्कार नहीं किया है. अखबारों-पत्रिकाओं से पार्टी प्रवक्ता पहले की तरह ही बात कर रहे हैं. पार्टी नेता भी मान रहे हैं कि रोक की एक महीने की मियाद बढ़नी चाहिए.

More videos

See All