महामारी के बीच प्रवासी मजदूरों के बच्चों की हालत खराब, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा रिकॉर्ड

  • देश में एकबार फिर से कोरोना वायरस चुनौती बन गया है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूर के बच्चों की स्थिति के बारे में चिंता जताते हुए रिपोर्ट मांगी है.
  • मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्देश दिया कि प्रवासी बच्चों की संख्या और उनकी स्थिति के बारे में बताएं, उनकी स्थिति में सुधार कैसे किया जा सकता है.
  • चाइल्ड राइट्स ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका के तहत कोरोना संकट के बीच प्रवासी मजदूरों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण का निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.
  • याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ा, राज्य सरकारों ने शिविरों में रहे बच्चों के बारे में कोई रिपोर्ट नहीं जारी की.
  • लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से प्रभावित प्रवासियों के बच्चे ईंट-भट्ठों पर दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं, कई बच्चों की उम्र 5-10 साल के बीच है.
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