कांग्रेस ने सिंधिया को समर्पित की कविता, 'घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर नहीं मिलेगा'

  • मध्य प्रदेश की राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस ने एक कविता ट्वीट कर सियासी गलियारों की हलचल को गति दे दी है.
  • कांग्रेस से इस्तीफा देकर सिंधिया भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं, जिसपर कविता के जरिए उन्हें रोकने की कोशिश की जा रही है.
  • कविता कुछ इस प्रकार है 'सम्मान-सौहार्द का,ये मंज़र न मिलेगा,घर छोड़ कर मत जाओ,कहीं घर न मिलेगा। याद बहुत आयेंगे,रिश्तों के ये लम्बे बरस,साया जब वहाँ कोई,सर पर न मिलेगा।'
  • आगे लिखा है, 'नफ़रत के झुंड में, आग तो मिलेगी बहुत, पर यहाँ जैसा कहीं, प्यार का दर न मिलेगा। घर छोड़कर मत जाओ, कहीं घर न मिलेगा।'
  • सियासी संकट से गुजर रही कांग्रेस सरकार पर सत्ता खोने का डर मंडरा रहा है, इसी बीच विधायकों को जयपुर भी शिफ्ट कर दिया गया है.

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