
गुटबाजी का दिख रहा असर, बीजेपी को मेयर चुनाव में सता रहा बगावत का डर
- एक माह बाद होने वाले मेयर चुनाव में उम्मीदवार तय करना फिर भाजपा के लिए चुनौती बन गया है।
 - यहाँ पार्षद पार्टी की परवाह नहीं करते और अपने ही उम्मीदवार के खिलाफ क्रॉस वोटिंग कर देते हैं।
 - भाजपा कांग्रेस को किसी भी प्रकार से गंभीरता से नहीं ले रही है।
 
- नगर निगम में कांग्रेस के सिर्फ पांच पार्षद हैं जबकि भाजपा-अकाली गठबंधन के पास 21 पार्षद हैं।
 - भाजपा को मेयर चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 14 वोटों की जरूरत है फिर भी हाईकमान गुटबाजी को खत्म करने में असफल होता नजर आ रहा है l
 


 


























































