भाजपा की पूर्व विधायक एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता का कहना है कि जाट आरक्षण को नजरंदाज करना भाजपा को विधानसभा चुनावों में भारी पड़ा।
साथ ही प्रेमलता का कहना है कि प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार बन गई हो लेकिन विधानसभा चुनावों के दौरान हुई भूलों को पार्टी ठीक करने की कोशिश कर रही है।
कैप्टन अभिमन्यु के घर हुई तोड़फोड़ का जिक्र करते हुए प्रेमलता ने कहा, “आरक्षण जाटों का अधिकार है और ये उन्हें मिलना चाहिए। अब बहुत हो चुका, सरकार युवाओं को जेल से बाहर निकाले।”
फिलहाल यह निर्णय लिया गया है कि जाट आरक्षण और केस वापसी समेत अन्य मांगों को लेकर दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
वहीं यशपाल मलिक का कहना है कि अब प्रदेश में नई सरकार का गठन हो चुका है और नई सरकार से मांग की जाती है कि आंदोलन के दौरान दर्ज हुए सभी केसों को वापस लिया जाए।