विंटर सेशन में पेश हो सकता है नागरिकता संशोधन बिल, जानें कानून में कैसे बदलाव की तैयारी

  • संसद के शीतकालीन सत्र नागरिकता संशोधन बिल पेश किया जायेगा इसके जरिए 1955 के कानून को बदला जाएगा. 18 नवंबर से शुरू हो रहे विंटर सेशन में यह बिल रखा जा सकता है.
  • बिल के मुताबिक, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्‍तान से बिना वैध दस्‍तावेजों के भारत आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई यहां के नागरिक बन सकते हैं.
  • अभी इन तीन देशों से आने वाले छह धर्मों के लोगों को भारत में 12 साल गुजारने और उचित दस्‍तावेज होने पर नागरिकता मिलती है. लेकिन अब छह साल गुजारने पर नागरिकता मिल पाएगी.
  • संख्‍या बल के चलते लोकसभा से यह बिल जनवरी 2019 में पास हो चुका है. हालांकि राज्‍यसभा में यह अटक गया. नई सरकार फिर से उसी बिल को पेश करने जा रही है.
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  • केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि पूर्वोत्तर के मूल निवासी इस Citizenship Amendment Bill को लेकर परेशान न हों, क्योंकि इससे उनके अधिकार प्रभावित नहीं होंगे. 

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