नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा न दिया तो खतरे में पड़ेगी कुर्सी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पदों का चुनाव संपन्न होने के बाद अब नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को तय अवधि में चुनाव खर्च का ब्योरा जमा कराना है.
ऐसा न करने पर उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को निर्वाचन के एक माह के भीतर खर्च जमा कराना अनिवार्य है.
इस लिहाज से देखें तो 22 अक्टूबर को मतगणना संपन्न होने के बाद उन्हें 22 नवंबर तक अनिवार्य रूप से खर्च का ब्योरा जमा कराना है.
आयोग के आदेश के मुताबिक नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को चुनाव खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना है.
यह ब्योरा निर्वाचन व्यय की सत्यापित प्रति होगी, जो निर्वाचित प्रतिनिधि या उसके अभिकर्ता द्वारा रखी गई है. साथ ही उसे खर्च के संबंध में शपथ पत्र भी देना होगा.