हरियाणा में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश, राजस्थान का चुनावी फार्मुला न अपना कर भारी भूल की है

  • केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व को हरियाणा इलेक्शन भी राजस्थान और मध्य प्रदेश की तर्ज पर लड़ना चाहिए था.
     
  • जिस प्रकार से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट ने 5 साल तक मध्यप्रदेश और राजस्थान में लोगों को जोड़ने कार्य किया उसी प्रकार अशोक तंवर हरियाणा में 5 सालों से कर रहे थे.
     
  • पिछले 5 सालों में अशोक तंवर भावी मुख्यमंत्री के तौर पर हमेशा से दलित और पिछड़ों समुदाय में से बनने हेतु चर्चा का विषय बने हुए थे.

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  • केंद्रीय कांग्रेस रणनीतिकारों के द्वारा चुनाव में जिस प्रकार से अशोक तंवर को अप्रासंगिक करने का प्रयास किया गया है उससे दलित तथा पिछड़ों के वोट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
     
  • कुमारी शैलजा को अध्यक्ष बनाने से भी हरियाणा के दलित वोट पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

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