नगर निकाय चुनाव में पैराशुट भी बन सकेंगे मेयर, सभापति और पालिकाध्यक्ष

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने तीन दिन पहले अपने ही सरकार के निर्णय को बदलते हुए बड़ा फैसला लिया था.
     
  • इसमें अब पार्षद के चुनाव में हिस्सा लिए बिना अथवा यह चुनाव हारा हुआ व्यक्ति भी मेयर , सभापति और पालिकाध्यक्ष चुना जा सकेगा.
     
  • ये नियम वैसे ही हैं जैसे लोकसभा और विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ने वाले और चुनाव हारने वाले प्रत्याशी भी मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन जाते हैं.
     
  •  इसके बाद छह माह के अंदर वापस चुनकर आना पड़ता है. वैसे ही नगर निकाय में चुनाव हारने या चुनाव नहीं लड़ने के बाद भी मेयर, सभापति और पालिकाध्यक्ष बन सकते हैं. इसके बाद वापस चुनाव लड़कर आना पड़ेगा.
     
  • अभी चुनाव लड़कर वापिस आने की समय सीमा तय नहीं हुई है. इस प्रकार का नियम लागू करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य बन गया है.

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