सुनवाई के दौरान हरीश रावत के अधिवक्ताओं ने बहस करते हुए इस मामले में दाखिल सीबीआई की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट को गलत बताया और इसे रिकॉर्ड में लेने का विरोध भी किया.
वहीं रावत का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है लेकिन विपक्ष उन्हें अपना पक्ष नहीं रखने देना चाहता.