ये पांच कदम उठाकर मोदी सरकार हिंदी की ताकत और बढ़ा सकती है

  • हिंदी प्रदेश के सभी 10 राज्यों को अपने यहां ‘त्रिभाषा सूत्र (हिंदी, अंग्रेजी और दूसरे राज्य की कोई एक भाषा)’ को सख्ती से लागू करना चाहिए.
     
  • पचास के दशक में गठित तकनीकी शब्दावली आयोग का पुनर्गठन किया जाना चाहिए जिससे भाषा को सरल बनाया जा सके.

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  • केंद्र सरकार का मूल कामकाज हिंदी में होना भले संभव न हो, लेकिन सरकार अपने सभी दस्तावेजों और वेबसाइटों का सहज हिंदी में अनुवाद अनिवार्य रूप से कराए. 
     
  • देश में इंटरनेट पर हिंदी में अच्छी सामग्री का काफी अभाव है. इसलिए सरकार अपने निजी प्रयासों से सभी विषयों की हिंदी में सामग्री तैयार करवाकर इंटरनेट पर डलवाए. 
     
  • सरकार को सुप्रीम कोर्ट से परामर्श करके देश की अदालतों में हिंदी को जिरह करने और फैसला लिखने की भाषा बनाने का प्रयास करना चाहिए.

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