इस आदेश के अनुसार सभी अनियमित कर्मचारियों को 8 घंटे काम करने पर उसी पद पर काम करने वाले नियमित कर्मचारियों के वेतनमान के न्यूनतम मूल वेतन और महंगाई भत्ते के बराबर ही भुगतान होगा.
यदि किसी अनियमित कर्मचारी का काम नियमित कर्मचारी के काम से अलग है तो उसे राज्य सरकार के निर्धारित वेतन के आधार पर भी भुगतान किया जाएगा.
हालांकि इस फैसले पर ट्रेड यूनियन के कुछ नेताओं ने संदेह जताते हुए कहा कि ऐसे आदेश पहले भी दिए गए हैं, लेकिन लागू नहीं किए जा सके.