आजकल इतनी बदली-बदली से क्यों नजर आ रही हैं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव होने में अभी डेढ़ साल का वक्त है, लेकिन राज्य में सियासी सरगर्मिया तेज हो गई हैं. जहां २०१९ के नतीजे से उत्साहित भाजपा इसकी तैयारी शुरू कर चुकी है, वहीं बंगाल की सत्ता पर काबिज तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) एक बार फिर से राज्य की सत्ता हासिल करना चाहती है. टीएमसी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 'पीके' के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर को अपना रणनीतिकार बनाया है. प्रशांत ने इसके लिए रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है.
पीके ने ममता के साथ जुड़ते ही न केवल उनका चिरपरीचित अंदाज बदला है, बल्कि तृणमूल कांग्रेस ने सूबे की जनता से सीधे जुड़ाव के लिए 'दीदी के बोलो’ (दीदी से बोलो) अभियान की शुरुआत की है.
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