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मिर्जापुर: मिड-डे-मील में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार पर मुकदमा, मंत्री बोले ऐसा नहीं होना चाहिए

मिर्जापुर (Mirzapur) में मिड डे मील (Mid Day Meal) में नमक-रोटी परोसने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कराने के मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (Satish Dwivedi) ने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए. बस्ती में मीडिया से बातचीत में द्विवेदी ने कहा कि इस मामले में लखनऊ पहुंच कर अपने विभाग और मिर्जापुर के एसपी (Mirzapur SP) से बात करूंगा. देखूंगा की असली मामला क्या है.

मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार या कोई अन्य तथ्य उजागर करने पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. मिर्जापुर में मिड-डे मील को लेकर जो घटना घटी थी, उस घटना से इसका कितना संबंध है, एसपी से रिपोर्ट मांग कर इस बारे में बता पाऊंगा. हमने उस घटना पर विभागीय कार्रवाई की थी. अब उसमें पुलिस ने किस आधार पर पत्रकार पर कार्रवाई की है देखना होगा. उसी मामले में या किसी और मामले में कार्रवाई हुई है, मिर्जापुर एसपी से बात करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा.

पत्रकार के खिलाफ दर्ज हुआ है मुकदमा

एफआईआर में पत्रकार के खिलाफ ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन नमक-रोटी खाने का वीडियो बनाने का आरोप लगा है. पुलिस ने पत्रकार पवन जायसवाल (Pawan Jaiswal) और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B, 186, 193 और 420 के तहत केस दर्ज किया है.

न्यूज18 से बातचीत में पवन ने पूरे घटनाक्रम को साझा करते हुए कहा कि मैंने ही इस सच को उजागर किया था कि स्कूलों में बच्चों को नमक-रोटी परोसा जा रहा है. अब मुझे ही आरोपी बनाकर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. उन्होंने कहा कि वह मामले की रिपोर्टिंग तब करने गए थे जब ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि ने उन्हें बताया कि स्कूल में तीन चार दिन से बच्चों को नमक रोटी दी जा रही है. इसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारी को भी इसकी सूचना दी थी. जब मैंने स्कूल में बच्चों को नमक रोटी खाते देखा तो दंग रह गया. मैंने इसकी सूचना डीएम को दी. उन्होंने कहा कि अभी मामले को मीडिया में न उछाले मैं जांच करवा रहा हूं. जांच के बाद उन्होंने वीडियो को सही माना था और मामले में दो लोगों को सस्पेंड भी कर दिया था

पवन जायसवाल ने बताया कि मीडिया में मामला आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया. इसके बाद कई जांच और रिपोर्ट आई. इस पर भी कई अन्य पर एक्शन हुआ. लेकिन अब पता नहीं क्या हुआ कि मेरे खिलाफ साजिश का मुकदमा जिलाधिकारी के निर्देश पर दर्ज करवाया गया है. इन डीएम के रहते अब न्याय की उम्मीद तो नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री ऑफिस ही हस्तक्षेप करे तो कुछ संभव है.

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